नागपंचमी कब है 2023 |naagpanchmi 2023 best

नागपंचमी कब है 2023 ? क्यों मनाई जाती है ? महत्व,व्रत , पूजा विधि, कथा ,2023 तारीख

नागपंचमी कब है 2023

नाग पंचमी नागो का त्यौहार है, भारत और अन्य देशो में जहा हिन्दू धर्म के लोग रहते है वे सभी इस दिन पारंपरिक रूप से नाग देवता की पूजा करते है , और परिवार के कल्याण के लिए उनसे प्रार्थना करते है|और उनसे आशीर्वाद मांगते है |नागपंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन किए जाते है जिसका लोगो के बी च बहुत महत्व है |इसके पीछे कुछ पौरादिक कथाएँ भी है |यहा नाग पंचमी की कथा, महत्त्व, व्रत पूजाविधि के बारे में जानकारी दी गयी है जिसके बारे में आप पढ़ नागपंचमी के बारे में जानकर पूजा कर सकेंगे.नागपंचमी कब है 2023 |

website – https://kalyanseva.com/

नागपंचमी का महत्व (Nag panchami Mahatv)

नागपंचमी का त्यौहार सावन महीने में मनाया जाता है .सावन माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग देवता की पूजा करके नाग पंचमी मनाई जाती है . भारत के कुछ जगहों में सावन के कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी नागपंचमी मनाई जाती है |कुछ जगहों में जैसे गुजरात में कृष्ण जन्माष्टमी के 3 दिन पहले और बहुला चौथ व्रत के दुसरे दिन नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है|नागपंचमी कब है 2023

नाग पंचमी त्यौहार मानाने का तरीका (Nag Panchami Celebrations)

हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार इस दिन नाग देवता को दूध पिलाया जाता है . इस दिन गावं में मेला लगता है ,मेले में झूले सजते है. पहलवानी का खेल कुस्ती , कबड्डी , भी नाग पंचमी की विशेषता है |कई जगहों पर नागपंचमी के दिन विवाहित बेटियों को मायेके बुलाया जाता है. उनके परिवार को भोजन करवा कर दान दिया जाता है . खेत के मालिक अपने गाय, बैल की पूजा करते है और अपनों फसल की भी पूजा करते है .नागपंचमी कब है 2023 |

नाग पंचमी तारीख (Nag Panchami 2023 Date )

नाग पंचमी 2023 में 31 अगस्त, दिन सोमवार को मनाया जाएगा . नाग पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 06 :05 से 08 :39 तक यानि 2 घंटे 14 मिनट तक का समय है .

  • नाग पंचमी 21 अगस्त
  • दिन सोमवार
  • शुभ मुहूर्त 06 :05 से 08 :39 तक
  • समय 2 घंटे 14 मिनट

नाग पंचमी कब मनाई जाती है

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है . दूध पिलाया जाता है और नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है. नाग पंचमी सावन के शुक्ल पक्ष के पंचमी को मनाया जाता है. भारत के कुछ जगहों में नाग पंचमी सावन माह के कृष्ण पक्ष के पंचमी को मनाया जाता है.नागपंचमी कब है 2023 |

नाग पंचमी का मेला कब और कहा लगता है

हर वर्ष हम अंग्रेजी कलेंडर के सरे त्यौहार मानते है , लेकिन हमारे हिंदी कलेंडर में अंग्रेजी कलेंडर से बहुत जादा त्यौहार होते है , उसी में से एक नाग पंचमी है जो सावन माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी को मनाया जाता है .नाग पंचमी के दिन नागदेवता को स्नान कराया जाता है ,उनकी पूजा की जाती है . नाग देवता की पूजा करना बहुत लाभदायक और महत्वपूर्ण माना जाता है . हर वर्ष नाग पंचमी के दिन काशी (वाराणासी )में बहुत बड़ा मेला लगता है वह स्थान नाग कुआं है |सावण माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन नागपंचमी के मेले में यहा दूर -दूर से लोग आते है |नागपंचमी कब है 2023|

मान्यता है की यहा सर्व देवता के यदि दर्शन हो जाएं तो उस इंसान के कुंडली के सारे सर्प दोष ख़त्म हो जाते है . नाग पंचमी के दिन विभिन्न गांवो ,कस्बो में कई तरह के खेलो का आयोजन होता है ,जिसमे कुस्ती कबड्डी का भी आयोजन होता है . नाग पंचमी के दिन गाय, बैल आदि पशुओं को नदी ,तलब में नहलाया जाता है , तथा उनकी पूजा की जाती है | यह सब करना बहुत शुभ मन जाता है |नागपंचमी कब है 2023 |

नागपंचमी पूजा विधि (Nag Panchmi Puja Vidhi )

नागपंचमी कब है 2023


नाग पंचमी का पूजन एक महत्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक उत्सव है जो नाग देवता (सर्प देवता) को समर्पित है। यह पर्व हिन्दू पंचांग के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी के इस उत्सव में लोग नाग देवता की पूजा करते हैं और सर्प राज का व्रत करते हैं। नाग पंचमी का पूजन विधि निम्नलिखित है:

सामग्री:

  • नागर चूर्ण (या नाग देवता की मूर्ति)
  • सफेद चादर
  • फूल (नागरमोथा, चमेली, जाई, गुलाब आदि)
  • धूप बत्ती और दीप
  • गंगाजल या पानी
  • बिल्व पत्र, कुचला हुआ धनिया, गंध, रोली, चावल और गुड़

पूजा विधि:नागपंचमी कब है 2023 |

  1. सुबह स्नान आदि सामान्य करें और पवित्र ताल के पास विशेष रूप से बनाए गए स्थान पर बैठें।
  2. सफेद चादर को खुल कर आपसे पूर्व खुली तरफ रखें।
  3. चादर पर नागर चूर्ण की चोटी रखें और उसे धूप दीप के साथ आरती करें।
  4. फूलों का उपचार करें और धूप बत्ती और दीप जलाएं।
  5. अब गंगाजल या पानी की कलश लेकर नागर चूर्ण पर जल चढ़ाएं।
  6. उपास्य मूर्ति को पानी से स्नान कराएं और गंध और चावल चढ़ाएं।
  7. अब बिल्व पत्र, धनिया, गुड़ और कुचला हुआ धनिया चढ़ाएं।
  8. पूजा को समाप्त करने के बाद, धूप दीप के साथ नागर चूर्ण की आरती करें और व्रत कथा सुनें।
  9. नागर चूर्ण की प्रसाद बाँटें और सभी को आशीर्वाद दें।
  10. नागपंचमी कब है 2023 |

यह थी नाग पंचमी की पूजन विधि। इस व्रत के माध्यम से लोग नाग देवता की कृपा प्राप्त करते हैं और सर्प राज की कृपा से सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करते हैं।नागपंचमी कब है 2023 |

नाग पंचमी की पौराणिक कथा:

एक दिन, दुर्गम जंगल में एक बड़े से बड़े वन नागराज वासुकि रहते थे। वह विशालकाय नाग शेषनाग के भाई थे। इन नागराजों की राजधानी नागलोक थी, जो अंतरिक्ष के अधीन बसता था। नाग पंचमी के दिन वे नागलोक से पृथ्वी पर आने के लिए प्रतिबद्ध होते थे।

एक बार, एक भक्त नागराज वासुकि की शरण में आया और प्रार्थना करते हुए बोला, “भगवान वासुकि, मेरे गाँव में भी बहुत सारे नाग वास करते हैं। लेकिन यहां आने से पहले आप सभी को आशीर्वाद दीजिए और उन्हें संकट से बचाएं।”

भक्त की प्रार्थना को सुनकर नागराज वासुकि और शेषनाग ने नियमित रूप से पृथ्वी पर आने का निश्चय किया। वे सभी नाग अपने भक्तों के संकट को दूर करने के लिए तैयार थे।

नाग पंचमी के दिन सूर्योदय के साथ ही नागराज वासुकि और शेषनाग नागलोक से पृथ्वी पर आए। वे अपने भक्तों के घरों के आस-पास घूमने लगे और उन्हें आशीर्वाद देने लगे।नागपंचमी कब है 2023 |

आगे की कथा :

एक दिन, नागराज वासुकि की आंखों में एक संतान को बहुत दर्द होता हुआ देखा गया। वह संतान भूखा और प्यासा दिखता था। नागराज वासुकि और शेषनाग ने उसे पूछा, “बेटा, तुम इतना दर्द सहन क्यों कर रहे हो? क्या हुआ है?”

उसने कहा “महाराज, मेरे माता-पिता के कोई संतान नहीं है। वे बहुत चिंतित हैं।”

नागराज वासुकि और शेषनाग ने उसकी परेशानी समझी और उसे आशीर्वाद दिया, “बेटा, तुम्हारी माता-पिता को शीघ्र ही एक सुंदर संतान मिलेगी। वह अद्भुत गुणवान होगी और तुम्हें बहुत प्यार करेगी।”

संतान को नागराज वासुकि और शेषनाग की आशीर्वाद मिलने के बाद उसके माता-पिता को भी खुशी मिली और उन्हें एक सुंदर संतान की प्राप्ति हुई। उस समय से नाग पंचमी को हर साल पूजा और उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। लोग नागराज वासुकि, शेषनाग, और अन्य नागों की पूजा अर्चना करके उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।

इस तरह, नाग पंचमी की पौराणिक कथा नागराज वासुकि और शेषनाग की महिमा का प्रतीक है, जिससे नागों की पूजा और आराधना का पर्वार्थ होता है। इस दिन लोग नागराज को दूध, दूधारी, बेल, पुदीना, चावल आदि से प्रसाद चढ़ाते हैं और नाग मूर्तियों की पूजा करते हैं।नागपंचमी कब है 2023 |

नागपंचमी कब है 2023

नागपंचमी व्रत (Nag Panchami Vrat )

नाग पंचमी सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है |सावन मास में बहुत लोग सावन के व्रत करते है . और जिसमे से कई लोह धन-धान्य की इक्षा से नाग पंचमी का व्रत रखते है.और नाग देवता के मंदिर में पूजा पाठ करते है!नागपंचमी कब है 2023 |

मंत्र

“ॐ कुरुकुल्ये हूं फट् स्वाहा ” इस मन्त्र का उपयोग सर्प का जहर उतारने के लिए किया जाता है |और सर्प के प्रकोप से बचने के लिए नाग पंचमी की पूजा की जाती है .नागपंचमी कब है 2023 |

ये भी पढ़े :

शाम को शिवलिंग पर जल चढाना चाहिए या नहीं

बहुला चौथ कब है

Leave a comment