लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में | ( Shree Laxmi Arti In Hindi )|

लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में- लक्ष्मी माँ एक है ,जो अपने लक्ष्य की और जाती है, इसलिए उनका नाम लक्ष्मी है मानव के लिए 8 लक्ष्य निर्धारित है जो आवश्यक भी है जो निम्न है-आध्यात्मिक ज्ञान,भोजन, ज्ञान, संसाधन, संतान, बहुतायत, धैर्य ,और सफलता, इन नामो की वजह यह अष्ट लक्ष्मी है -आधी लक्ष्मी,विद्या लक्ष्मी,धन लक्ष्मी,संताणा लक्ष्मी ,धान्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी,धीरा लक्ष्मी, और विजया लक्ष्मी| लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

 लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में

लक्ष्मी जी की आरती – इस कथन के अनुसार हम जानते है की लक्ष्मी जी की उत्पत्ति समुन्द्र मंथन के दौरान निकले रत्नों से हुई थी, लेकिन दुसरे कथन के अनुसार लक्ष्मी जी ऋषि भृगु की बेटी है|लक्ष्मी जी की आरती के नियमित पाठ से मन को शान्ति मिलती है .आरती का नियमित पाठ जीवन से बुराईयों को दूर करता है . इस आरती का प्रति दिन जाप करने से शान्ति, समृद्धि और खुशियाँ आती है !लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

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लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में

 लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में

लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता ,तुमको निस दिन सेवत ,

मैया जी को निस दिन सेवत

हर विष्णु विधाता

|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||

उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता

ओ मैया तुम ही जग माता

सूर्या चन्द्रमा ध्यावत

नारद ऋषि गाता

||ॐ जय लक्ष्मी माता ||

दुर्गा रूप निरंजनी , शुख सम्पति दाता

ओ मैया शुख संपत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, रिद्धि- सिद्धि धन पाता

|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||

तुम पाताल निवासिनी ,तुम ही शुभ दाता

ओ मैया तुम ही शुभ दाता

कर्म प्रभाव प्रकासिनी , भव निधि की दाता

|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||

जिस घर तुम रहती,तहं सब सद गुण आता

ओ मैया सब सद गुण आता

सब संभव हो जाता, मन नही घबराता

|| ॐ जय लक्ष्मी माता||

तुम बिन यज्ञ न होता ,वस्त्र न कोई पाता

ओ मैया वस्त्र न कोई पाता

खान पान का वैभव,सब तुमसे आता

||ॐ जय लक्ष्मी माता ||

शुभ गुण मंदिर , क्षीरोदधि जाता

ओ मैया क्षीरोदधि जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन , कोई नही पाता

||ओ मैया जय लक्ष्मी माता ||

मालक्ष्मी जी की आरती , जो कोई नर गाता

ओ मैया जो कोई नर गाता जा जय मैया

उर आनंद समाता पाप उतर जाता

||ॐ मैया जय लक्ष्मी माता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निसदिन ध्यावत

मैया जी को निस दिन ध्यावत हरी विष्णु विधाता

|| ॐ जय लक्ष्मी माता ||

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laxmi ji ki aarti in english

 लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में

om jai laxmi mata ,maiya jai laxmi mata

tumko nisdin dhyawat, maiya jo ko nisdin dhyawat

hari vishnu vidhata

!! om jai laxmi mata !!

uma ramaa bramhani tum hi jagmata,

maiya tum hi jag mata

surya chndrama dhawat ,narad rishi gata ,

!!om jai laxmi mata !!

durga roop nirnjani, sukh sampatti data

maiya sukh sampaati data

jo koi tumko dhyawat riddhi-siddhi dhan pata

!!om jai laxmi mata !!

tum hi pataal niwasini ,tum hi shubh data

maiya tum hi shubh data

karm prabhaav prakishini ,bhavnidhi ki trata

!! om jai laxmi mata !!

jis ghar me tum rahti , tah sab sadgun ata

maiya sab sad gun ata

sab sambhav ho jata man nhi ghabrata

!! om jai laxmi mata !!

tum bin yagya n hote, vastra n koi pata,

maiya vastra n koi pata

khan paan ka vaibhav sab tumse ata

!! om jai laxmi mata !!

shubh gun mandir sundar kshirodadhi jata,

maiya kshirodadhi jata

ratn chaturdash tum,bin koi nhi pata

!! om jai laxmi mata !!

mahaa laxmi ji ki aarti jo koi jan gata

maiya jo koi jan gata

ur aanand samaata pap utar jata

!! om jai laxmi mata !!

om jai laxmi mata,maiya jai lami mata

tumko nis din dhyawat, maiya ji ko nis din dhyawat

hari vishnu vidhata

!! om jai laxmi mata !!

लक्ष्मी जी की आरती का महत्व(Laxmi Ji Ki Arti Ka Mahatva)

ऊपर हमने माँ लक्ष्मी की आरती पढ़ी और माँ लक्ष्मी के महत्व को भी जाना और महत्त्व का ज्ञान भी प्राप्त किया .साथ ही यह भी पता चला की धन के साथ-साथ मनुष्य के लिए विद्या और बुद्धि कितनी आवश्यकता होती है|इसलिए माता लक्ष्मी की पूजा अकेले नही की जाती अन्यथा वह पूजा संपन्न नही मानी जाती |लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

हम देखते है की माँ लक्ष्मी की पूजा भगवान् गणेशमा सरस्वती के साथ की जाती है |दीवाली के पावन अवसर पर भी हम देखते है की इन तीनो की साथ में पूजा की जाती है ताकि धन का सही उपयोग हो सके | लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

माँ लक्ष्मी ने स्वयं कहा है की जहां उनकी पूजा होगी और यदि वहा भगवान गणेश की पूजा नही हुई तो वह पूजा संपन्न नही होगी न उस पूजा का कोई लाभ मिलेगा |इसका तात्पर्य यह हुआ की मनुष्य के पास यदि धन है लेकिन बुद्धि नही है तो धन जादा समय तक उसके पास नही रह सकता| लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

एसे ही कुछ भावों को माँ लक्ष्मी के आरती के द्वारा प्रकट किया गया है |ऐसे में माँ लक्ष्मी के द्वारा दिए गये संकेतों को ध्यान में रखकर ही मनुष्य को सारे कर्म करने चाहिए, और धन का सदुपयोग करना चाहिए | लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में|

यदि हम अपने धन का सदा सदुपयोग करेंगें तो माँ लक्ष्मी की कृपा हम पर बनी रहेगी. यही माँ लक्ष्मी की आरती का सन्देश व महत्व है | लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में

लक्ष्मी जी की आरती को पढने के फायदे (Laxmi Ji Ki Arti Ke Fayede)

यदि आप निरंतर मन से लक्ष्मी जी की आरती का पाठ अपने घर या मंदिर में करते है, माँ लक्ष्मी का सच्चे मन से ध्यान ,पूजन करते है तो अवश्य ही माँ लक्ष्मी कि कृपा आप पर बरसेगी |यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार का आर्थिक संकट है, या वैभाव की कमी है तो वह कमी दूर हो जाती है |कई बार हम देखते है की बहुत प्रयास करने के बाद भी हमारा काम नही होता उसमे कई प्रकार की दिक्कत आती है | लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

ऐसी स्थिति में यदि हम माँ लक्ष्मी की सच्चे मन से पूजा- अर्चना विधि पूर्वक करे ,जैसे की सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर करें तो उसका प्रभाव हमे कुछ ही दिन में दिखाई देने लगेगा | और प्राप्त धन का सदुपयोग करें , समाज सेवा व धर्म के कार्य भी करते रहे |तभी वह धन आपके पास टिक पाएगा अन्यथा वह कुछ दिनों में पुनः चला जाएगा |लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में |

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