
गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है –
गणेश उत्सव पुरे भारत में हर्षो उल्लास से मनाया जाता है |गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होकर यह उत्सव अनंत चतुर्दशी तक भगवान् गणेश की प्रतिमा के विसर्जन तक मनाया जाता है | हम गणेश चतुर्थी क्यों मानते है , गणेश विसर्जन क्यों किया जाता है , गणेश महोत्सव क्यों मनाया जाता है ? के बारे में जानेंगे |
गणेश उत्सव को पुरे भारत देश में उल्लास के साथ मनाया जाता है| क्या आप जानते हैं की गणेश उत्सव मनाने की परंपरा क्या है, यह कब से सुरु हुई ?गणेश उत्सव 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है ? हम आपको गणेश उत्सव की पूरी जानकारी बता रहे हैं –
गणेश उत्सव की सुरुआत महारास्त्र से हुई थी , गणेश चतुर्थी के दिन इसका आरम्भ होता है और फिर 11 दिन अनंत चतुर्दशी को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ के साथ ही इसका समापन होता है |गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है
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गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाती है
गणेश चतुर्थी भारत में हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार भगवान गणेश की पूजा गणेश आरती और अर्चना के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें सिद्धि, विद्या, बुद्धि, शक्ति और बुद्धिमता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
इस त्योहार की महत्वपूर्ण कथाएँ हैं जो इसके पीछे हैं। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने हाथों से गणेश की मूर्ति रची थी और उसे प्राण प्राण में डाल दिया था। गणेश को देखकर भगवान शिव का अवगुण्ठन हो गया था, जिसके कारण वह उसके सिर को काट दिया।
इसके बाद जब माता पार्वती ने इसे जानकर देखा तो वह बहुत ही दुखी हुई और उन्होंने शिवजी से निमंत्रण दिया कि वे गणेश को जीवन दें। शिवजी ने फिर किसी हाथी के बच्चे के सिर को गणेश के सिर की जगह पर लगा दिया और उन्होंने उसे जीवन दिया। इसी कारण से गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा और अर्चना की जाती है|गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |

इस दिन लोग गणेश की मूर्तियों की स्थापना करते हैं, पूजा करते हैं, विभिन्न प्रकार की भोग चढ़ाते हैं और उनकी आराधना करते हैं। त्योहार के अंत में मूर्तियों को विसर्जन किया जाता है जिससे गणेशजी की विराजमानि अस्तित्व की महत्वपूर्णता को समझाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश की अराधना करके उनसे शक्ति, सिद्धि और बुद्धि की प्राप्ति करना होता है ताकि हमारे कार्यों में सफलता प्राप्त हो सके।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
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गणेश उत्सव 10 दिनों तक क्यों मानते है –
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गणेश उत्सव के 10 दिनों का महत्वपूर्ण कारण पुराने हिन्दू पौराणिक कथाओं में से एक कथा से जुड़ा है। इसका संबंध महाभारत के आदिपर्व में बताई गई “गणेश पुराण” कथा से है, जिसके अनुसार माता पार्वती ने अपने रूप में एक पुत्र की इच्छा की थी।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
कथा के अनुसार, एक दिन माता पार्वती ने अपने शरीर की मिट्टी से एक पुत्र की मूर्ति बनाई और उसको जीवन देने के लिए प्राण मंत्र का जाप किया। इस प्रक्रिया के बाद, उन्होंने उस पुत्र को अपने गृहणी के रूप में स्वीकार किया और उसको “गणेश” नाम दिया।

माता पार्वती ने गणेश से आग्रह किया कि वह अपने माता-पिता के घर के बाहर किसी से मिलने से पहले अपने आप की रक्षा करें, और विशेष रूप से जब उनकी माता अपने स्नान के दौरान हों।
एक दिन, गणेश ने अपनी माता के आदेश का पालन करते हुए उनकी रक्षा की, जब वे स्नान कर रही थीं। इस बीच, भगवान शिव लौटकर आए और उन्हें गौरी के साथ मिलकर खुश देखा।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
कुछ समय बाद, गणेश की माता पार्वती ने उसे घर के अंदर आने के लिए कहा, परंतु उस समय गणेश ने उन्हें अपने आदर्शों का पालन करते हुए दिखाया और अपने पिता शिवजी की आदर्शना के बिना उनके आवागमन की अनुमति नहीं दी।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
इसके बाद, माता पार्वती और भगवान शिव ने गणेश से कहा कि वह ब्रह्मा, विष्णु, और अन्य सभी देवों के बीच अगली प्राथमिकता रखें, और वे ही देव उसके पूजन के विषय में बने जाएं।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
इस प्रकार, गणेश ने अपनी माता की आदर्शना का पालन करते हुए देवों के प्रमुख बनने का मानसिक संकल्प लिया और उनके पूजन-अर्चना का कार्य सम्भाला। इस प्रकार, गणेश उत्सव के 10 दिनों के रूप में मनाया जाता है, जिसमें उपासना, पूजा, आरती, और धार्मिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
गणेश उत्सव का महत्त्व
गणेश उत्सव, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान गणेश की पूजा और अर्चना के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के जन्म की खुशी में मनाया जाता है और यह पूरे देश में बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
- शुभारंभ का प्रतीक: गणेश उत्सव को भगवान गणेश के जन्म के रूप में मनाने का मुख्य कारण माना जाता है। भगवान गणेश को विद्या, बुद्धि, शुभकामनाओं के देवता के रूप में पूजा जाता है और उन्हें शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है।
- परिवार के महत्व का प्रतीक: गणेश उत्सव के दौरान परिवार के सदस्य मिलकर आते हैं और साथ मिलकर पूजा करते हैं। यह एक ऐसा मौका होता है जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ समय बिता सकते हैं और एक-दूसरे के साथ बंधन मजबूत कर सकते हैं।
- धार्मिक आदर्शों का पालन: गणेश उत्सव के दौरान लोग भगवान गणेश की पूजा और अर्चना करके अपने आदर्शों का पालन करते हैं। यह उन्हें धार्मिक और नैतिक मूल्यों का पालन करने की प्रेरणा देता है।
- सांस्कृतिक आयोजन: गणेश उत्सव के दौरान भव्य परेड, नृत्य, संगीत और आदिकार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके माध्यम से स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया जाता है और लोग अपने कला-संस्कृति को दिखा सकते हैं।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
- समाज में एकता की भावना: गणेश उत्सव एकता और सद्भावना की भावना को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी होता है। इस त्योहार में विभिन्न जातियों, धर्मों और समुदायों के लोग एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |

गणेश उत्सव भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और यह महोत्सव महाराष्ट्र राज्य में विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है, परंतु पूरे देश में इसे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह महोत्सव चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा और अर्चना के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोग उनकी मूर्तियों की स्थापना करते हैं और उन्हें विशेष प्रकार की पूजा-अर्चना करते हैं।गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |
गणेश उत्सव का महत्व विभिन्न प्रकार से होता है:
- धार्मिक महत्व: यह महोत्सव हिन्दू धर्म में भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें विद्या, विघ्ननाशक, और संकटमोचक के रूप में पूजा जाता है। उन्हें पहले आगमन के रूप में पूजा जाता है, ताकि सभी कार्यों में आने वाली बाधाएँ दूर हो सकें।
- सांस्कृतिक महत्व: गणेश उत्सव भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह सांस्कृतिक विविधता को प्रकट करता है। इस महोत्सव में लोग विभिन्न प्रकार की कला, संगीत, नृत्य, और परंपरागत आवश्यकताओं को प्रकट करते हैं।
- सामाजिक महत्व: यह महोत्सव सामाजिक एकता और आपसी समरसता की भावना को बढ़ावा देता है। लोग मिलकर उत्सव की तैयारियों में शामिल होते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियों का साझा करते हैं।
- आर्थिक महत्व: गणेश उत्सव के दौरान व्यापार और व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलता है। बाजार में विभिन्न प्रकार के वस्त्र, आभूषण, आहार, और गिफ्ट आइटमों की मांग बढ़ जाती है।
- पर्यावरण महत्व: गणेश उत्सव के दौरान लोग गौरीपुत्र गणपति की मूर्तियों को स्थापित करते हैं, जो आमतौर पर शव गोबर से बनती हैं। इससे पर्यावरण में प्लास्टिक और अन्य प्रदूषण की मात्रा कम होती है।
इस प्रकार, गणेश उत्सव एक मिलानसार त्योहार है जो धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, और आर्थिक महत्व से भरपूर है। गणेश चतुर्थी क्यों मनाया जाता है |